फंगल संक्रमण होने के कारण।
1, नमी,। जहां नमी से ज्यादा गीलापन होता है वहां फफूंद का विकास होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए गर्मी में ज्यादा पसीना आना, बारिश में भीगने या गीला कपड़ा पहने से फंगल इनफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है।
2, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्ति में फंगल संक्रमण होने की संभावना ज्यादा होती है क्योंकि उनके शरीर में फंगल से लड़ने में कमजोर होता है।
3, दूषित सतह, पावक से दूषित सातवें आसमान से त्वचा में प्रवेश कर सकती है। जैसे सार्वजनिक बाथरूम, स्विमिंग पूल तथा साझा की गई वस्तुएं।
फंगल संक्रमण के लक्षण।
फंगल संक्रमण के कारण त्वचा पर जलन, खुजली, सफेद दाग या लाल चकत्ते, त्वचा पर लालिमा या सूजन शामिल हो सकते हैं।
फंगल संक्रमण का घरेलू उपचार।
फंगल संक्रमण के लिए आप निम्नलिखित घरेलू उपाय कर सकते हैं।
1, नींबू का रस, नींबू के रस को पानी के साथ मिलाकर संक्रमित क्षेत्र पर लगाकर इसका एंटीफंगल इस्तेमाल कर सकते हैं।
2, नीम पत्ते,। नीम के पत्ते को पीसकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को संक्रमित जगह पर लगाएं। नीम का एंटीफंगल और एंटीमाइक्रोबियल्स मदद करता है।
Disclaimer,. इन घरेलू उपचार को करते समय अगर संक्रमण ज्यादा है तो किसी त्वचा विशेषज्ञ से जरूर परामर्श लें।
फंगल का बाह्य उपचार।
अगर नमी के चलते फंगल संक्रमण हो रहा है तो शुरुआती चरणों में नारियल का तेल का उपयोग लाभदायक है। अगर फिर भी राहत ना मिले तो इसे त्वचा विशेषज्ञ से संपर्क करें। बचाव के लिए शारीरिक स्वच्छता का ध्यान जरूरी है। फंगल संक्रमण होने पर परिवार के अन्य सदस्यों के साथ कपड़े सुखाने से बचें और बालक साबुन का इस्तेमाल करें।
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